बिजयनगर:(सुरेंद्र सिंह भाटी)- बिजयनगर समीपस्थ शक्तिपीठ स्थल बाड़ी माताजी मंदिर परिसर में स्थित बाड़ी गौशाला में 14 वर्ष पुराना बैल के गौलोकगमन हो जाने पर टेक्टर में लिटाकर गाजे बाजे के साथ श्रीराम जय-जय राम की धुन पर अश्रूपूरित नम आंखों से ग्रामवासियों ने विदा किया।
मोहन बैल की अंतिम यात्रा का बाड़ी ग्राम में होते हुए मोक्षस्थल ले जाकर भूमि में पंच तत्व में विलीन किया। बाड़ी माताजी गौशाला ट्रस्ट समिति की मुख्य सेविका कृष्णा टाक ने बताया कि मोहन बैल के बारे में कहने को शब्दों की सीमा नहीं है।
गुलाबपुरा से 14 वर्ष पूर्व गौशाला में मोहन बैल का आगमन हुआ था। जब से ही बाड़ी माताजी गौशाला में सीधे सरल , मानवीय प्रेम से भरे गौ बैल को मोहन की आवाज पर सरपट दौड़ा चला आता था। मोहन बैल पशु पालन विभाग द्बारा गत वर्षो में ग्राम जालियां द्बितीय में आयोजित उतृकष्ठ नस्ल के जिला स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित भी हुआ था। मोहन बैल विशेषताओं से भरपूर गौबेल था। बाड़ी माताजी गौशाला के सेवक भी मोहन बैल की अच्छाइयों से अभिभूत थे।इस दौरान बाड़ी माताजी मंदिर के पुजारी लाभचंद प्रजापत नौरतमल, सहित कई ग्रामीणों ने मोक्षस्थल पर मोहन नाम से रगंकर हाथ जोड़कर विदाई दी।