जयपुर- हाथोज धाम गौशाला परिसर में आज शनिवार को महिलाओं एवं बहनों ने गाय माता एवं बछड़े की पूजा अर्चना करते हुए अपने पुत्रों की लंबी आयु की कामना करते हुए व्रत रखा! हर साल जन्माष्टमी के 4 दिन बाद भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को बछ बारस का पर्व मनाया जाता है. बछ बारस पर्व के दौरान गाय और बछड़े की पूजा की जाती है.
इस दिन महिलाएं अपने पुत्र की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन गाय और बछड़े की पूजा की जाती है. कहते हैं कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है और इस दिन गाय की पूजा करने से सभी देवी-देवताओं का आर्शीवाद मिलता है. भाद्रपद में पड़ने वाले इस पर्व को गोवत्स द्वादशी या बछ बारस के नाम से जाना जाता है.श्री बालाजी गौशाला परिसर में गौ-माता की पूजा करने का क्रम दिनभर चलता रहा महिलाओं ने गौ माता को भीगा हुआ बाजरा, मूंग, चने, दूध एवं चावल खिला कर रोली, मौली तथा चंदन अक्षत से पूजा कर अपने पुत्रों की दीर्घायु की कामना की!