जयपुर-पंचायत चुनाव 2021 में पहली बार चिकित्सा व्यवस्थाओं को दरकिनार कर मरीजो की कीमत पर लैब टेक्नीशियनो की ड्यूटी भी लगा दी गई जिसका खामियाजा कुल मिलाकर मरीजो को ही भुगतना पड़ रहा है।एक तरफ तो जहां कोविड की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारियां की जा रही है वहीं दूसरी और फ्रंटलाइन वारियर्स लैब टेक्नीशियनो से चुनाव का कार्य करवाया जा रहा है।कल पहले चरण में जयपुर से ही करीब 100 टेक्नीशियनों को चुनाव ड्यूटी के लिए रवाना कर दिया गया,यहां तक कि ब्लड बैंकों जैसी अत्यावश्यक सेवाओं से भी जहां 24*7 राउंड दी क्लॉक ड्यूटी चलती है वहां से भी तेकनीशियनो को चुनाव के लिए भिजवा दिया है जिससे व्यवस्थाएं चलाना मुश्किल हो गया है और जांच कार्य प्रभावित हो रहा है।इसी तरह सवाई मानसिंह चिकित्सालय के न्यूरोलॉजी की बांगड़ लैब से EEG और NCV के मरीजों को अगली तारीख दे दी गई। बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल जेके लोन में मरीजों को यह कह करके अगली तारीख दे दी गई की जाँच करने वाले लैब टेक्नीशियन चुनाव ड्यूटी मे गए है इससे जीबीएस के मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है उनकी जाँच न तो जे के लोन मे हो पा रही है न SMS मे साथ ही पुराने मरीजो को अब 3 दिन बाद आना पड़ेगा एवं 2 दिन मे बढ़े हुए मरीजो का भार भी चुनाव ड्यूटी के बाद लैब टेक्नीशियन पर पड़ेगा ।अभी तो अगले दो चरणों मे करीब 250 से 300 लैब तेकनीशियनो की चुनाव ड्यूटी लगाई गई है जिसका सीधा नुकसान मरीजो को ही होना है।सवाल यह उठता है कि क्या राज्य में कोरोना काल मे मेडिकल इमरजेंसी कार्मिको के अलावा राज्य सरकार के पास कोई अन्य विभाग से कर्मचारियों की उपलब्धता नही थी और यदि थी तो ऐसी कौन सी मजबूरियां थीकि मेडिकल स्टाफ को एमरजेंसी से उठाकर चुनाव ड्यूटी में लगाया गया।