November 23, 2024

ब्यावर। सम्राट पृथ्वीराज चौहान समारोह समिति के संयोजक विक्रान्त सिंह रावत ने बताया कि आशापुरा माता धाम में 144 वें जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निरंजन देव तीर्थ के निर्वाण दिवस पर पुष्पांजलि कार्यक्रम कर स्मरण किया गया। इस कार्यक्रम के अध्यक्ष ब्यावर परियोजना प्रमुख लक्ष्मीनारायण एवं मुख्य वक्ता विश्व हिंदू परिषद के पृथ्वी सिंह भोजपुरा रहे। स्वामी निरजंन देव तीर्थ के जीवन पर प्रकाश डालते हुए पृथ्वी सिंह भोजपुरा ने बताया कि आपका जन्म ब्यावर में श्री गणेश लाल द्विवेदी के यहाँ चंद्रशेखर द्विवेदी के रूप में अश्विन कृष्ण चौदस विक्रमी संवत 1967 पर हुआ। बाल्यकाल में ही उन्हें पिता द्धारा धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज को समर्पित कर दिया गया, करपात्री ने पिता गणेशलाल को शिक्षा दीक्षा के लिए पुन: सौंप दिया। ओर कहा कि समय आने पर मैं स्वयं इसे बुला लूँगा।

प्रारम्भिक संस्कृत शिक्षा के बाद में व्यकारणाचार्य और पोस्टाचार्य की उपाधि प्राप्त की साथ ही काशी में रहते हुए आपने व्याकरण मीमांसा, वेदांत दर्शन एवं न्याय शास्त्र का अध्ययन किया। करपात्री जी महाराज के द्वारा स्थापित रामराज्य परिषद के आप अखिल भारतीय महामंत्री भी रहे। 1955 से 1964 तक महाराजा संस्कृत कॉलेज के प्राचार्य भी रहे। 1964 में पुरी शंकराचार्य की वसीयत के अनुसार द्वारिका पीठ के शंकराचार्य अभिनव सच्चिदानंद तीर्थ द्धारा सन्यास ग्रहण पुरी पीठ के शंकराचार्य नियुक्त हुये।

1966 में संतो द्धारा हुए गौ रक्षा आंदोलन का नेतृत्व निरजंन देव तीर्थ ने किया, दिल्ली जेल में रहते हुए 72 दिन तक आमरण अनशन किया। आपका सम्पूर्ण जीवन हिन्दू धर्म के प्रचार प्रसार एवं गौ रक्षा को समर्पित रहा। आज ही के दिन 1992 में आप ब्रह्मलीन हुए। आपके निर्वाण दिवस को आराधना महोत्सव के रुप मनाया जा कर श्रद्धा सुमन देश भर पुष्पांजलि कार्यक्रम किये जाते हैं।

तहलका डॉट न्यूज
(गजेंद्र सिंह)