September 20, 2024

कोटपूतली- हाल ही में प्रदेश भाजपा द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही के नाम पर 6 वर्षो के लिए पार्टी की सदस्यता से निष्कासित किये गये वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. रोहिताश्व शर्मा ने शनिवार को कस्बा स्थित आरटीएम होटल में प्रैस वार्ता को सम्बोधित किया। शर्मा यहाँ निजी कार्यक्रमों में भाग लेने आये थे। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान में वसुंधरा ही भाजपा के पास एकमात्र चेहरा है, उनके नेतृत्व में ही भाजपा चुनाव जीत सकती है। जनता नेता के नाम पर वोट डालती है।

जिस प्रकार केन्द्र मेें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जन नेता है उसी प्रकार प्रदेश में वसुंधरा नैचुरल लीडर है। जिनके प्रति वर्तमान हालातों को देखते हुए जनता का पूरा मुड है। अगर पार्टी आलाकमान जनता की भावनाओं का सम्मान करेगी तो राजस्थान में भाजपा का राज जरूर बनेगा। वर्ष 2003 व 2013 के विधानसभा चुनावों में राजे के नेतृत्व में ही भाजपा की पूर्ण बहुमत सरकार राजस्थान में बनी है। पार्टी मंच होती है लोग नेता के नाम पर वोट डालते है। बंगाल मेंं भाजपा के पास चेहरा नहीं था इसलिए चुनाव हार गये। बिहार में अकेले तेजस्वी यादव ने टुटे हुए हैलीकॉप्टर के सहारे बड़े-बड़े नेताओं को छका दिया। राजस्थान में कांग्रेस सरकार के प्रति लोगों में गुस्सा व नाराजगी का माहौल है लेकिन प्रदेश की जनता नेतृत्व के नाम पर केवल वसुंधरा राजे की ओर ही देख रही है। अपने निष्कासन के सवाल पर शर्मा ने कहा कि मैने पार्टी के आंतरिक मोर्चे पर अपनी बात रखी थी। जिससे चिढ़ते हुए यह कार्यवाही की गई है। मैं पार्टी संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों को मानने वाला कार्यकर्ता हॅू। इन कागजी कार्यवाहियों से कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन बिना नेतृत्व के राजस्थान में भाजपा का राज आना असम्भव है। जिस दिन राजे नेतृत्व में आयेगी सारे दरवाजे अपने-आप खुल जायेगें। तब हम भी पार्टी के सिपाही के रूप में कार्य करेगें।

पूनियां पर साधे निशाने :- प्रैस वार्ता में डॉ. शर्मा ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां पर भी जमकर निशाने साधे। उन्होंने कहा कि जातिगत आधार होते हुए भी पूनियां कभी चुनाव नहीं जीते। इस बार ही पहला चुनाव जीते है। वे जनता के नेता नहीं है बल्कि पार्टी आलाकमान द्वारा मनोनीत नेता है। वे अब तक 7-8 चुनाव हार चुके है। नेता लोगों के दिलों में राज करके सभी जाति व वर्गो को साथ लेकर बना जाता है। पूनियां को पार्टी की रीति-नीति का पता नहीं है, वे खुद भी अनुशासनहीनता कर चुके है। मुझ पर तो सिर्फ मौके का फायदा उठाकर कार्यवाही की गई है।