जयपुर। कलयुग में ऐसे भी लोग हैं जो सात फेरें लेकर जीवन भर साथ निभाने का वादा करके अपनी पत्नी व बच्चे को मझधार में छोड़ देते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें पत्नी अपने ससुरालियों पर पति को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगा रही हैं। मुरली पुरा निवासी ओमेंद्र सिंह की पत्नी सुमित्रा सिंह ने बताया कि मेरा विवाह 16 मई 2010 को ओमेंद्र सिंह पुत्र किशन सिंह निवासी काली पहाड़ी चारणवास अचरोल के साथ हुआ था।
जिसके 1 पुत्र विश्वजीत सिंह जो आज 10 वर्ष का हो गया है। ओमेंद्र सिंह पीएचइडी विभाग में पंप चालक की नौकरी करता है। जिसने विवाह के 2 वर्ष बाद मुझे घर से निकाल दिया अब में और मेरा पुत्र अकेले मुरलीपुरा में रहते है।
मैंने मेरे एवं मेरे पुत्र के भरण पोषण के लिए पारिवारिक न्यायालय में मेंटेनेंस का केस किया था जिसमें न्यायालय ने 7 हजार रुपए मेरे खर्च के प्रतिमाह एवं मेरे पुत्र जब तक व्यस्क नहीं हो जाता के 4 हजार रुपए प्रतिमाह देने के आदेश दिए हैं । जो कि सैलरी से सीधे कटकर मेरे खाते में जमा होने के आदेश दिए गए।ओमेंद्र एवं उसके सभी परिवार वाले मोहन कंवर, महावीर सिंह, जितेंद्र सिंह, सुमन कंवर, शिवजी आदि मिलकर मेरे पति को दबाव में रखते हैं। तथा उसकी कमाई को येन केन प्रकारेण हजम करना चाहते हैं एवं मुझे व मेरे बेटे को ओमेंद्र से मिलने जुलने भी नहीं देते हैं ।में एवं मेरे पुत्र जब मिलने जाते हैं तो उसके परिवार वाले मेरे को गाली गलौज तथा मारपीट करके भगा देते हैं।
पिछले काफी समय से ओमेंद्र के बीमार होने की जानकारी मिलने पर जब मैं उनसे मिलने गई तो मुझे नहीं मिलने दिया गया। मई के महीने में वे कोरोनावायरस से पीड़ित हो गए उसके बाद इन सभी लोगों ने षड्यंत्र रच कर ओमेंद्र के अस्पताल में रहते हुए बस्सी जेईएन एवं एईएन से मिलकर जबरन वीआरएस दिलवाने की कार्रवाई कर दी ताकि मेरे व मेरे बेटे का भरण पोषण राशि मिलना बंद हो जाए।
मुझे पूरा अंदेशा है कि महावीर सिंह व जितेंद्र सिंह ने हस्ताक्षर बनाकर प्रार्थना पत्र दिया है।जबकि प्रतिमाह हमारे को ओमेंद्र सिंह के वेतन से ही भरण पोषण राशि प्राप्त होती है। विभाग द्वारा हमें कोई भी विधिक सूचना नहीं दी गई। ओमेंद्र के ज्यादा बीमार ग्रस्त होने से उसको नौकरी से हटाकर मिलने वाले रुपयों को यह लोग हड़पना चाहते हैं।सारे घर वाले मिलकर उनकी नौकरी जिस में अभी कई वर्ष बाकी है। पर दबाव डालकर उन्हें वीआरएस दिलाया जा रहा है। और षड्यंत्र रच कर ओमेंद्र के वारिस एवं मेरे बेटे विश्वजीत को मेरे पति की संपत्ति से वंचित किया जा रहा है। जिसकी एक रिपोर्ट मैंने मुरलीपुरा थाने में दर्ज करवा रखी है।
आज भी में अपने पति से मिलने जिसको उनके बहनोई एवं बहन ने अपने घर पर रख रखा है। मिलने के लिए गई मिलने से पहले मैंने थाना चंदवाजी में जाकर के अधिकारियों से गुहार लगाई कि मुझे अपने पति से मिलवा दो तो पुलिस अधिकारी ने कहा है कि पति से मिलना आप का नैतिक अधिकार है। आप जाकर मिल लो अगर कोई समस्या आती है आपके साथ कोई मारपीट करता है तो उसकी सूचना हमें देना हम कार्रवाई करेंगे।
मुझे मारपीट का अंदेशा था इसलिए मैं चन्दवाजी थाना को सूचित करके गई। जैसे ही मैं पति से मिलने के लिए घर में घुसी तो उन्होंने मेरे साथ गाली गलौज की और मेरा देवर और रिश्तेदार मारने के लिए भागे तो मैं डर कर बाहर आ गई।
मैंने सभी से हाथ जोड़कर कहा कि मुझे मेरे पति से एक बार मिलने दिया जाए और उन्होंने मना कर दिया मुहल्ले वालों के दबाव में आकर उनको मकान के दरवाजे तक लाए और कहा कि यह तुमसे नहीं मिलना चाहता। और वापस अंदर ले गए। उन्होंने मेरे पति को दबाव में ले रखा है। मेरे पति को उनके दबाव से मुक्त किया जाए।
तहलका डॉट न्यूज