November 24, 2024
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यदि कड़ी मेहनत और इच्छा शक्ति मजबूत हो तो कोई काम मुश्किल नहीं होता.यह बात “दिल्ली” जिसे “देश की राजधानी ”कहा जाता है वहां के कपूर मार्ग, जवाहर नगर के पास स्थित “रावल पिंडी स्पेशल छोले भटूरे वाले के संचालक स्वर्ण जी और उनके बेटे अमन पर बिल्कुल सटीक बैठती है.जो आज दिल्ली की शान बने हुए है…

रावल पिंडी स्पेशल छोले भटूरे” इनका नाम ही सब कुछ बयां कर देता है. जो चीज इन्हे विशिष्ट और प्रसिद्ध बनातीं है. वो है यहाँ के व्यंजन, यहां का स्वाद दुकान के संचालक अमन अपने खाने को प्यार करते हैं. और मेहमाननवाजी के लिए खुद को हमेशा तैयार रखते हैं यही कारण है की आज “रावल पिंडी स्पेशल छोले भटूरे” दिल्ली में अपनें व्यजनों में बढ़िया मसाले और अदबुध स्वाद के लिए काफी मशहूर(FOMOUS) है.

दिल्ली कपूर मार्ग, जवाहर नगर के पास के नजदीक “रावल पिंडी छोले भटूरे वाला’ नाम की दुकान के छोले-भटूरे Chole Bhature करीब 65 साल से चर्चा में हैं. छोले के साथ भटूरे भी खास हैं – आलू की स्टफिंग वाले। साथ हीं साथ मिर्च, पुदीना, धनिया, इमली की चटनी प्याज के साथ परोसते हैं. दिल्ली वासियो में छोले-भटूरे का सफर श्री बासीराम जी ने शुरू किया.

छोले भटूरे खास तरह का पंजाबी खाना है जो कि खास रावलपिंडी स्टाइल में बनता है. सफेद छोलों को बनाते समय खूब पका कर और मसाले डाल कर काला कर दिया जाता है. कुछ जगह इनमें चटपटे सूखे आलू भी डाले जाते हैं. फूले हुए गरम भटूरे तेल या घी में तल कर बनाये जाते हैं तथा नरम और कुरकुरे होते हैं.कुछ जगह इनमें पनीर भी भरा जाता है. साथ में मिर्ची और प्याज इसके स्वाद को डबल कर देती है. मसालेदार छोले के साथ-साथ गर्म भठूरे का मिश्रण उत्तर भारतीयों पसंदीदा भोजन है. छोले भटूरे ने दुनिया भर में अपनी जगह और लोकप्रियता अर्जित की है.

अगर आप स्ट्रीट फूड छोले भटूरे खाने के शौंकीन है और कहीं ना कहीं आप का दिल दिल्ली के शुद्ध एवं चटपटे मसालों से निर्मित मशहूर छोले भटूरे खाने का कर रहा है तो सोचना कैसा चले आईए “रावल पिंडी छोले भटूरे पर… जी हाँ अब दिल्ली के बेहतरीन कारीगरों के द्धारा दिल्ली के शुद्ध एवं चटपटे मसालों से निर्मित छोले भटूरे का मजा…

दिल्ली में मशहूर “रावलपिंडी छोले भटूरे वाले” जिनका नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है और जब खाने पीने की बात हो तो दिल्ली वालों को जो स्ट्रीट फूड सबसे ज्यादा पसंद है वह हैं छोले भटूरे या कोई कोई इन्हें छोले भटूरे भी कहता है.

साफ़-सुथरी इस दूकान पर सुबहे से ही छोले भटूरे बनना शुरु हो जाता है. जिसका सिलसिला दिन तक ऐसे ही बरक़रार रहता है