September 30, 2024

कोटपूतली- अतिक्रमण के चलते गांवों का विकास कार्य बाधित हो रहा है। अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे बेरोकटोक आम रास्तों पर पर भी कब्जा कर रहे हैं। इसकी बानगी ग्राम रामसिंहपुरा में हाउसिंग बोर्ड से सोता नदी जाने वाले रास्ते पर देखी जा सकती है। रास्ते पर आबादी बसी होने से काफी लोगों का आवागमन रहता है। इस रास्ते पर दिन-ब-दिन बढ़ रहे अतिक्रमण के चलते लोगों का चलना दूभर होता जा रहा है। बारिश हो जाने के बाद रास्तें में पानी भर जाता है जिसके बाद राहगीरों का पदैल निकलना तो दुभर हो ही जाता है साथ ही दुपहिया वाहन चालकों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।

गांव की तस्वीर व तकदीर बदलने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा उक्त रास्ते पर सडक़ निर्माण का कार्य किया जाना है लेकिन अतिक्रमण विकास कार्य में बाधा बन रहा है। ग्राम पंचायत सरपंच विपिन जाखड़ ने बताया कि हाऊसिंग बोर्ड से सोता नदी में आने-जाने वाले रास्ते में गांव के ही लोगों द्वारा अतिक्रमण कर रखा है, जिसके चलते लोगों को उक्त सकरे रास्ते से आवागमन में खासी परेशानी उठानी पड़ रही है, समस्या को लेकर प्रशासन के समक्ष कई बार गुहार लगाई गई जिसके बाद रास्तें का सीमाज्ञान भी किया गया था रास्ते में आने वाले जाल, तार व खेतों की बाड़ को हटाने के लिए अतिक्रमणकारियों को अवगत करवा दिया गया था, उसके बाद भी अतिक्रमणकारी अतिक्रमण को नहीं हटा रहे है। प्रशासन को अवगत करवा दिया था, परन्तु कोरोना काल में पुलिसकर्मियों की डयूटी लगा देने के कारण पुलिस का जाप्ता नहीं मिल रहा था जिसके कारण अतिक्रमण हटाने में देरी हो रही है। गांव के अन्य लोग भी इन अतिक्रमणकारियों के गलत कार्यों का अनुकरण कर रहे हैं। अतिक्रमण को रोकने के लिए गांव स्तर पर किए जा रहे प्रयास भी महज सफल नहीं हो पाये। तहसीलदार सूर्यकान्त शर्मा का कहना है कि उक्त रास्ते का पूर्व में भी सीमाज्ञान करवाया गया था, पुलिस जाप्ते को लेकर दो बार पत्र लिख चुका हु जैसे ही पुलिस का जाप्ता मिल जाता है अतिक्रमण हटवाने की कार्यवाही की जायेगी।

सीमाज्ञान होने के तीन माह बाद भी नहीं हटा अतिक्रमण

प्रशासन द्वारा करीब तीन माह पहले अप्रेल माह में गिरदावर महेन्द्र जांगिड़, हल्का पटवारी रायकरणपुरा राजेश व हल्का पटवारी चिमनपुरा जितेन्द्र के द्वारा उक्त रास्ते का सीमाज्ञान करवाया गया था। तीन माह बीत जाने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटा। पंचायत प्रतिनिधियों के शिकायत के बावजूद अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने से अतिक्रमियों के हौसले बुलंद हो रहे है।

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