November 24, 2024
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राजस्थान की समृद्ध परंपराओं में शुद्ध खान-पान का शुरू से बोलबाला रहा है. इसी कड़ी में खाने-पीने के शहर ब्यावर मैं भी खाने-पीने के शौकीन लोगों की कोई कमी नहीं है. ब्यावर शहर में ऐसे कई स्थल हैं, जो अपने नाम से ही विशेष कार्य के लिए जाने जाते हैं. इसी शृंखला में ब्यावर में एक स्थान है “श्री रामदेव कचौरी वाले”, जिनका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है.

ब्यावर में मशहूर (श्री रामदेव कचौरी वाला)
कचौरी और समोसे से बनाई अपनी पहचान

इनका नाम ही सब कुछ बयां कर देता है. जो चीज इन्हे विशिष्ट और प्रसिद्ध बनातीं है. वो है यहाँ के व्यंजन, यहां का स्वाद

ब्यावर में कचौरी, समोसे दबाकर खाना यहां का खास ब्रेकफास्ट माना जाता है.एक बार सुबह इसे खा लिया जाये तो दोपहर तक आपको भूख कम लगती है. यूँ तो कचौरी,समोसे की दुकानें ब्यावर के हर कोने में मिल जाती है, मगर ब्यावर के पिपलिया बाज़ार के पास (श्री रामदेव कचोरी वालों) के स्वाद और गुणवत्ता के मामले लाजवाब है.इसका अंदाजा आप वहा लगने वाली लोगो की भीड़ देख के लगा सकते है.

अगर आप स्ट्रीट फूड दही कचौरी- समोसा खाने के शौकीन हैं तो आप ब्यावर के किसी भी छोर पर अच्छी कचौरी समोसे की दुकान के बारे में बात करेंगे तो वह आपको पलभर में श्री रामदेव कचौरी वालों का नाम और पता बता देगा. श्री रामदेव कचौरी ब्यावर में खाने-पीने के मामले में मशहूर नाम है.

दुकान के संचालक दिनेश भाटी बताते हैं कि 50 साल पहले उनके पिताजी रामदेव जी ने इस कचौरी की दुकान की शुरुआत की जिसके बाद आज मैने इस काम को बखुभी संभाल रखा है.अब इस काम की बागड़ोर दिनेश भाटी के हाथ में है.समय बदलता रहा पर यहां का स्वाद आज भी वहीं है.

शुद्ध एवं चटपटे मसालो से तैयार की हुआ कचौरी,समोसा, का अपना अलग ही मजा है. साफ़-सुथरी इस दूकान पर सुबहे से ही कचौरी बनना शुरु हो जाते है. जिसका सिलसिला शाम तक ऐसे ही बरक़रार रहता है.

यदि आप इनका आनंद लेना चाहते हैं तो सब-कुछ भूलकर इनके स्वाद और खुश्बुओं में खो जाएं.आप सभी यहां आएं.और मिल-जुलकर इनका आनंद उठाएं.

तहलका डॉट न्यूज