- पीरियोडिकल प्रेस ऑफ इंडिया ( पीपीआई) उन्हें शीघ्र ही विशेष सम्मान से सम्मानित करेगी ।
- दिल्ली और हिमाचल सरकार को भी सम्मानित करने के लिये पत्र लिखेगी ।
- समाज सेविका यशोदा देवी ने महिला होने पर भी कोरोना से निधन होने पर ऐसे सैंकड़ो शवों को लेकर उनका अंतिम संस्कार किया ।
- बल्कि पूरे विधिवत रूप से अस्थियों को गढ़ गंगा लेजा कर विसर्जन भी किया ।
नई दिल्ली :- देश की राजधानी में हिमाचल प्रदेश जिला मण्डी के धर्मपुर भनवाड़ गांव की यशोदा देवी पिछले 9 वर्षों से भी अधिक समय से मजबूत इरादे और बुलंद हौसलें के साथ एक नेक और पुण्य का कार्य कर रही है ।
देश की राजधनी दिल्ली के हस्तसाल इलाके में रहने वाली गृहणी यशोदा देवी न सिर्फ लावारिश लाशों को लेकर उनका अंतिम संस्कार करती है बल्कि उनकी अस्थियों को भी हरिद्वार या गढ़ गंगा जाकर विधिवत रूप से विसर्जन करती है ।
पीरियोडिकल प्रेस ऑफ इंडिया (पीपीआई) दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर, पंजाब ,हरियाणा ,हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजेश ठाकुर ने मानव सेवा के लिए इस नेक और पुण्य के कार्य को करने के लिए समाज सेविका यशोदा देवी के मजबूत इरादे और बुलन्द हौसलें की सराहना की है उन्होंने कहा कि एक महिला होकर यशोदा देवी मानवीय मूल्यों को समझ कर जो कार्य कर रही है यह समूचे मानव जाति के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा दायक है ।
पीरियोडिकल प्रेस ऑफ इंडिया ( पीपीआई ) दिल्ली अध्यक्ष व जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजेश ठाकुर ने कहा कि सबसे कठिन और बड़ी चुनौती पूर्ण था कोरोना काल मे कोरोना संक्रमण से हुई मृत्यु के शवों का अंतिम संस्कार करना क्योंकि कोरोना महामारी के कहर से जो मानवीय क्षति हो रही थी और फिर श्मशान घाटों के बाहर लंबी कतारें 3 से 4 दिन का वेटिंग समय उससे अंदर से पूरा मानवीय तंत्र हिल गया था ।
कोरोना महामारी संक्रमण से संक्रमित होने पर हुई मौत के बाद,..कोरोना संक्रमण के भय से जहां अपने ही, अपनो को भूल गए थे।वहीं पर ऐसे में एक समाज सेविका यशोदा देवी ने महिला होने पर भी न सिर्फ कोरोना से निधन होने पर ऐसे सैंकड़ो शवों को लेकर उनका अंतिम संस्कार किया ,बल्कि पूरे विधिवत रूप से अस्थियों को गढ़ गंगा लेजा कर विसर्जन भी किया ।
समाज सेविका यशोदा देवी हिमाचल प्रदेश जिला मण्डी के धर्मपुर इलाके की मूल निवासी है।2020 के मुकाबले 2021 में कोरोना महामारी ने सबसे ज्यादा मानवता पर कहर बरपाया है,संक्रिमत होकर निधन होने पर जहां अपने ही अपनो का अंतिम संस्कार नही कर पाए ।लेकिन ऐसे में देश की राजधानी दिल्ली के हस्तसाल में रहने वाली समाज सेविका यशोदा देवी ने महिला होने पर भी 2020 और 2021 में कोरोना महामारी से हुई सैंकड़ो मोतों के शवों को न केवल श्मशान घाट पर ले जाकर विधिवत अंतिम संस्कार किया बल्कि उनकी अस्थियों को गढ़ गंगा में ले जाकर विधिवत रूप से विसर्जन भी किया ।
हिमाचल प्रदेश जिला मन्डी के धर्मपुर इलाके भनवाड़ गांव की मूल निवासी यशोदा देवी राजधनी दिल्ली के हस्तसाल इलाके में रहती है और पिछले तकरीबन 9 वर्षो से मानवता के लिए यह नेक और पुण्य का कार्य रही है।इस कार्य के लिए यशोदा देवी ने एक छोटी सी संस्था ,”अलग पहचान” भी बनाई हुई है,उनसे जुड़े हुए उनके सहयोगी सम्मानित सदस्य भी उनका साथ देते है ।
पिरियोडिकल प्रेस ऑफ इंडिया (पीपीआई ) दिल्ली अध्यक्ष व जम्मू कश्मीर, पंजाब,हरियाणा, हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजेश ठाकुर ने एलान किया किया यशोदा देवी को मानव सेवा के लिए किये जा रहे नेक और पुण्य के कार्य के लिए पीरियोडिकल प्रेस ऑफ इंडिया ( पीपीआई) उन्हें शीघ्र ही विशेष सम्मान से सम्मानित करेगी और साथ ही दिल्ली और हिमाचल सरकार को भी पत्र लिखकर उन्हें विशेष सम्मान से सम्मानित करने के लिए आग्रह करेगी ।
तहलका डॉट न्यूज