November 24, 2024
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जयपुर-स्वामी श्री बालमुकुंद आचार्य जी महाराज हाथोज धाम ने बताया कि कल दिनांक 23 मई 2021 रविवार को मोहनी एकादशी जिसे मंजुला एकादशी भी कहा जाता है। यह एकादशी त्रिस्पर्शया है इसका विशेष महत्व है। कल रविवार को तीन तिथियों के मिलन से एकादशी, द्वादशी एवं प्रदोष के शुभ संयोग से एकादशी आ रही है। पदम पुराण में भी इसका बहुत अच्छा उल्लेख है।


स्वामी श्री बालमुकुंद आचार्य जी महाराज ने बताया कि मोहिनी एकादशी को सभी एकादशी तिथियों में खास माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने देवी- देवताओं को अमृत पान कराने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। लोगों में आस्था है कि इस व्रत को रखने और भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। और जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
रविवार रात्रि को चार प्रहर के शालिग्राम पूजा कर अभिषेक किया जाए तो उसका विशेष महत्व लाभ है। शालिग्राम का पंचामृत अभिषेक कर तुलसी दल अर्पित करें भगवान विष्णु के नामावली का जप करें भगवान नारायण लक्ष्मी की पूजा करें गुरु मंत्र का जप करें पुरु-सूक्त का पाठ करें और देसी गाय का दूध सेवन करें व्रत में नियम संयम में रहे तो मनुष्य को हजारों अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
एकादशी के दिन गायों की पूजा करें गायों को चारा खिलाएं तो मनुष्य को सभी तीर्थों का फल प्राप्त होता है। यह एकादशी व्रत विशेष फल प्रदान करने वाला है यह शुभ संयोग बड़ी मुश्किल से प्राप्त होता है।

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