September 29, 2024

जयपुर-हाथोज धाम दक्षिण मुखी बालाजी मंदिर में जानकी नवमी के शुभ अवसर पर माता जानकी का पंचामृत अभिषेक कर भव्य श्रृंगार किया गया। स्वामी श्री बालमुकुंद आचार्य जी महाराज हाथोज धाम ने बताया कि हिंदी पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता माता का जन्म हुआ था।

हिंदू धर्म में सीता नवमी का उतना ही महत्व है जितना रामनवमी का है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान राम का जन्म हुआ था तो माता सीता वैशाख शुक्ल नवमी को प्रकट हुई थी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र में मिथिला के महाराजा जनक यज्ञ की भूमि तैयार करने हेतु हल से जमीन जोत रहे थे तभी भूमि से कन्या प्रकट हुई जिनका नाम सीता रखा गया।
कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर परिसर में पुजारियों द्वारा ही माता सीता का पंचामृत अभिषेक कर माता सीता को नई पोशाक धारण कराई गई। तत्पश्चात महा आरती का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं को ऑनलाइन माता जानकी के अभिषेक और महा आरती के दर्शन कराए गए।

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