September 29, 2024

जयपुर (जेपी शर्मा)- : शास्त्रो में एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार पृथ्वी अन्नहीन हो गई थी। बंजर होने के कारण उस समय फसल, फल आदि नहीं हुए। इससे पृथ्वी लोक में हाहाकार मच गया। सभी प्राणी त्राहिमाम कर रहे थे, प्राणों पर संकट आ गए। तब भगवान शिव शंकर ने भिक्षुक का स्वरूप धारण किया और माता पार्वती ने मां अन्नपूर्णा का अवतार लिया ।

भगवान शिव शंकर ने मां अन्नपूर्णा से भिक्षा में अन्न मांगे। मां अन्नपूर्णा ने उनको अन्न दिए तो वे उसे लेकर पृथ्वी पर गए। उसे सभी प्राणियों में बांट दिए। इसके फलस्वरुप दोबारा पृथ्वी धन, धान्य, फल, फूल से हरी भरी हो गई। यह बाते पंडित लोकेश झा ने छत्तीसगढ़ दुर्ग के श्रीमती नविता शर्मा के सेवा को देख कर कहा , इनकी सेवा को देख कर पंडित लोकेश झा ने कहा कि इन्हें मां अन्नपूर्णा का आशिर्वाद प्राप्त है । जिसके आशिर्वाद से इनकी सेवा अनवरत चल रही है और चलती रहेगी उन्होंने कहा की माँ अन्नपूर्णा देवी हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं में विशेष रूप से पूजनीय हैं ।

इन्हें माँ जगदम्बा का ही एक रूप माना गया है, जिनसे सम्पूर्ण विश्व का संचालन होता है। इन्हीं जगदम्बा के अन्नपूर्णा स्वरूप से संसार का भरण-पोषण होता है। अन्नपूर्णा का शाब्दिक अर्थ है धान्य (अन्न) की अधिष्ठात्री। जैसा कि प्रमुख समाजसेविका नविता शर्मा सेवा, समर्पण व त्याग की प्रतिमूर्ति बन चुकी है छत्तीसगढ़ के दुर्ग की श्रीमती नविता शर्मा ने कोरोना पीड़ित परिवारों को भोजन वितरित करने के साथ अब विकलांग बच्चों की जिम्मेदारी भी उठा रही हैं । श्रीमती नविता शर्मा विगत एक वर्ष से अनवरत अपने निजी कोष से कोरोना पीड़ित परिवारों की मदद कर रही हैं। इस सेवा के दौरान उन्होंने विकलांग बच्चों की स्थिति चिंताजनक देखकर अब उनकी भी नियमित सहायता कर रही हैं।

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