पावटा (शशि कांत शर्मा)- ग्रामीण जांको राखे सांईया मार सके न कोई बाल न बांका कर सके चाहे जो जग बैर होय यह कहावत तो हम वर्षों से सुनते आ रहा रहे है लेकिन आज यह कहावत प्रत्यक्ष मे सिद्ध हुई घटना पावटा निकटवर्ती ग्राम भांकरी मे वैद्य हनुमान प्रसाद मिश्रा के खेत की है जहाँ एक बेसहारा गाय प्रसव पीड़ा से तडप रही थी जिस पर 8 से 10 श्वान हमला कर रहे थे एक तरफ तो श्वान रूपी यमराज उसको अपना निवाला बनाना चाह रहे थे तो वही दूसरी ओर गाय तारो मे फसी होने से पीडा मे थी इस विकट स्थिति मे वो न तो अपने बच्चे को जन्म दे पा रही थी न ही अपना बचाव कर पा रही थी गाय की गर्दन तारो मे फसी हुई थी वह केवल मन ही मन भगवान को याद कर रही थी तभी देवदूत बनकर पं डाँ गौरी शंकर शर्मा छात्र मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा अपने खेत लौट रहे थे उनकी नजर तारो मे फसी गाय पर पडी तो उन्होने श्वानो को भगाया एवं गाय को तारो से निकाला और घटना की जानकारी एल एस ए गोविन्द भारद्वाज को दी सूचना मिलते ही भारद्वाज ने मौके पर पहुँचकर गाय की सकुशल प्रसूती करवाई जिससे गाय ने एक बछडे को जन्म दिया भारद्वाज ने बताया कि बच्चा पेट के अन्दर फसा हुआ था जिसे बड़ी मशक्कत करते हुए सकुशल निकाला एवं तारो मे फसने मे एवं श्वानो के हमले से गाय के शरीर कई हल्के घाव बन गये थे जिनकी ड्रेसिंग की गई उसके बाद गाय ने अपने बछडे को दूध पिलाया तथा उपचार के बाद गाय एवं बछडे को गौशाला भिजवाया।