जयपुर- शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है की एक ही दिन में सूर्य अस्त से पहले अगर कोई राधा मदन मोहन राधा गोपीनाथ राधा गोविंद देव के दर्शन करता है तो उसे भगवान कृष्ण के दर्शन का पूर्ण फल मिलता है परंतु राधा मदन मोहन जी करौली में है और राधा गोविंद देव राधा गोपीनाथ जयपुर में है तो भक्तों को थोड़ी कठिनाई होती थी दर्शन करने में एक ही दिन में इसीलिए हमारे गुरुदेव श्रील भक्ति वेदांत नारायण गोस्वामी महाराज की अहेतु की कृपा से “PURE BHAKTI CENTER” जयपुर राधा मदन मोहन मंदिर 10-A गोविंद देव कॉलोनी गोविंद देव जी के पीछे चौगान स्टेडियम वाला गेट के सामने बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर श्री श्री राधा मदन मोहन एवं श्रीमन गौरांग महाप्रभु की विग्रह प्रतिष्ठा हुई है यह जानकारी मठ व्यवस्थापक सुन्दर गोपाल प्रभु ने दी।
अब सभी भक्तगण एक ही दिन में सूर्य अस्त से पहले तीनों दर्शन का लाभ उठा सकेंगे जिसमें राधा मदन मोहन,राधा गोपीनाथ और राधा गोविंद देव जी आगे उन्होने बताया कि कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने भगवान कृष्ण के दर्शन करने के लिए सर्वप्रथम इस धरा धाम पर विग्रह प्रकट किए। उन्होंने सर्वप्रथम जो विग्रह बनाएं उनके चरण कमल भगवान कृष्ण से मिलते थे उनका नाम हुआ राधा मदन मोहन। उसके पश्चात उन्होंने दूसरे विग्रह बनवाएं जिनके जिनका वक्षस्थल भगवान से मिलता था उनका नाम हुआ राधा गोपीनाथ तत्पश्चात उन्होंने फिर तीसरे विग्रह बनवाएं तो उनका मुखारविंद भगवान कृष्ण से मिलता था उनका नाम हुआ राधा गोविंद देव जैसे ही उनकी परदादी ने उनके दर्शन किए उन्होंने घूंघट ले लिया तो ब्रजनाथ जी समझ गए कि भगवान कृष्ण का मुखारविंद ऐसा ही दिखता था।