साल 2020 के खत्म होने में अब महज कुछ ही दिन बचे हुए हैं. यह साल कोरोना वायरस महामारी के चलते इतिहास में अपनी पहचान बनाने जा रहा है. कई दशकों बाद ऐसी महामारी ने दुनिया को चपेट में लिया, जिसके चलते लाखों लोगों की जान चली गई. वहीं साल 2020 बॉलीवुड के लिए भी एक बुरे सपने की तरह रहा है, जिसमें कोरोना वायरस पैनडेमिक की वजह से फ़िल्म उद्योग पर लॉकडाउन की मार पड़ी, वहीं मनोरंजन जगत की बहुत सी हस्तियों को भी खो दिया.
इरफान खान
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित इरफ़ान खान न्यूरोएंडोक्राइम ट्यूमर से पीड़ित थे और लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. उन्हें अपनी इस बीमारी के बारे में साल 2018 में पता चला था. कई महीनों तक लंदन में उनका इलाज भी चला, मगर 29 अप्रैल को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
ऋषि कपूर
फ़िल्म प्रेमी अभिनेता इरफ़ान खान के निधन से उभरे भी नहीं थे कि दूसरे दिन 30 अप्रैल को मशहूर अभिनेता ऋषि कपूर का कैंसर के कारण निधन हो गया. साल 2018 में उन्हें ल्युकेमिया डिटेक्ट हुआ था और वो न्यूयॉर्क सिटी में इलाज के लिए गए थे.इस उम्र तक अपनी कलाकारी से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले इस कलाकार की मौत से लोगों को बहुत बड़ा सदमा पहुंचा.
सुशांत सिंह राजपूत
सुशांत सिंह राजपूत के प्रशंसको के लिए उनकी मौत पर यकीन कर पाना थोड़ा मुश्किल था. सुशांत 14 जून को अपने बांद्रा अपार्टमेंट मे मृत पाए गए थे. 34 की उम्र में उनकी असमय मृत्यु ने पूरे देश में आत्महत्या या मर्डर की बहस छेड़ दी.सुशांत ने साल 2013 में फिल्म ‘काई पो चे’ से बॉलीवुड में एंट्री की थी, इससे पहले वह टीवी शोज में काम किया करते थे. वहीं उन्हें सबसे ज्यादा पहचान ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’, ‘शुद्ध देसी रोमांस’ और ‘छिछोरे’ में अपने प्रदर्शन से मिली थी.
वाजिद ख़ान
एक जून को दिल का दौरा पड़ने से तबला वादक शराफ़त अली ख़ान के छोटे बेटे संगीतकार वाजिद ख़ान का निधन हो गया. 47 वर्षीय वाजिद ख़ान ने बड़े भाई साजिद ख़ान के साथ मिलकर फ़िल्म इंडस्ट्री में बतौर संगीतकार 1998 में सलमान ख़ान की फ़िल्म ‘प्यार किया तो डरना क्या’ से कदम रखा था.’हुड़ हुड़ दबंग’, ‘जलवा’, ‘चिंता ता-ता चिता चिता’ और ‘फेविकोल से’ जैसे मशहूर गानों के लिए वाजिद खान को हर संगीत प्रेमी सदा याद करता रहेगा.
बसु चैटर्जी
लीजेंड्री फिल्ममेकर बसु चैटर्जी ने 90 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. बासु चटर्जी बॉलीवुड के मशहूर फिल्ममेकर बासु चटर्जी का 4 जून को निधन हो गया था. उन्होंने कई बड़ी फिल्मों का निर्देशन किया था, जिनमें ‘रजनीगंधा’, ‘बातों बातों में’, ‘एक रुका हुआ फैसला’, ‘चितचोर’ शामिल है। चटर्जी को उनकी अलग तरह की फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है। उनकी अधिकतर फिल्में मध्यमवर्गीय परिवारों पर आधारित थीं.
सरोज खान
सरोज खान मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान ने भी इस साल हमे अलिवदा कहा था। 3 जुलाई को 71 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट से उनका निधन हो गया। सरोज खान ने अपने करियर में 2000 से ज्यादा गानों के लिए कोरियोग्राफी की। तीन बार नेशनल अवॉर्ड जीत चुकीं सरोज खान के निधन पर बॉलीवुड को बड़ा झटका लगा था।
जगदीप
कॉमेडियन जगदीप, जिन्होंने दशकों तक फैले अपने शानदार करियर में कई तरह के किरदारों से करोड़ों भारतीयों का मनोरंजन किया था, उनका निधन 9 जुलाई को हुआ। जगदीप को ब्लॉकबस्टर फिल्म शोले में ‘सूरमा भोपाली’ की भूमिका के लिए आज भी याद किया जाता है। जगदीप का जन्म 29 मार्च, 1939 को अमृतसर में हुआ था और उनका असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था।
कुमकुम
लगभग 115 फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री कुमकुम का 28 जुलाई को उनके मुंबई स्थित आवास पर निधन हो गया। वह 86 वर्ष की थीं। बता दें कि गुरु दत्त ने उन्हें पहली बार वर्ष 1954 में देखा था, जब उन्हें अपनी फिल्म आर-पार में गाने (कभी आर कभी पार) के लिए डांसर की तलाश थी। ये गाना बहुत हिट हुआ था। कुमकुम क्लासिक युग के उन दुर्लभ महिला सितारों में से एक थीं जो सहायक रोल्स को भी करने से संकोच नही करती थीं। हालांकि, उनकी पहचान उनके ऊपर फिल्माए गए गानों से ज्यादा थी।
इब्राहिम अल्काज़ी
पद्म विभूषण सम्मान से नवाज़े गए इब्राहिम अल्काज़ी भारत के थिएटर के उन शख़्सियतों में से एक हैं जिनकी निष्ठा और योगदान से भारतीय थिएटर एक नया मुकाम हासिल कर सका.15 साल तक वो नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के निर्देशक रहे. उस दौरान उन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री के कई दिग्गज कलाकारों को प्रशिक्षित किया. इनमें नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, विजय मेहता, रोहिणी हट्टंगड़ी, सुहास जोशी, ज्योति सुभाष, ओम शिवपुरी और बी जयश्री. 4 अगस्त 2020 को दिल का दौरा पड़ने से उनका देहांत हो गया. वो 94 वर्ष के थे.
राहत इन्दौरी
11 अगस्त को मशहरू शायर राहत इंदौरी भी अचानक हम सबको सदा के लिए अलविदा कह गए. कोरोना की चपेट में आने के बाद इंदौर अस्पताल में भर्ती करवाने के बाद लगातार दो दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था. राहत इंदौरी ने देश-विदेश में एक शायर के रूप में प्रसिद्ध हासिल की लेकिन बॉलीलुड में भी उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. राहत इंदौरी ने बॉलीवुड के कई फेमस और सुपरहिट गाने लिखे थे जो आज भी लोग गुनगुनाते हैं.राहत इंदौरी ने साल 1998 में आई बॉबी देओल स्टारर फिल्म ‘करीब’ का ‘चोरी चोरी जब नजरें मिलीं’ गाना लिखा था जो आज भी सुपरहिट है.
पंडित जसराज
सुर सम्राट पंडित जसराज प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का 17 अगस्त को अमेरिका में निधन हो गया. वह 90 साल के थे कार्डिक अरेस्ट की वजह से उनका निधन हुआ. पद्म बिभूषण जसराज भारत के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायकों में से एक थे.जसराज का संबंध मेवाती घराने से रहा.शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उनको पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री से नवाजा गया था.
निशिकांत कामत
निर्देशक-अभिनेता निशिकांत कामत का लिवर संबंधी परेशानी के चलते 17 अगस्त को हैदराबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया था. कामत को बॉलीवुड में अजय देवगन-तब्बू स्टारर दृश्यम, इरफान खान-स्टारर मदारी और मुंबई मेरी जान जैसी फिल्मों के निर्देशन के लिए जाना जाता है. रॉकी हैंडसम में निशिकांत ने विलेन के किरदार में अभिनय की छाप छोड़ी.
आशालता वबगाओंकर
ख्यात मराठी, हिंदी फिल्मों और रंगमंच की कलाकार आशालता वाबगांवकर का सतारा के एक निजी अस्पताल में कोविड-19 से मंगलवार को निधन हो गया. वो चार दिनों तक कोरोना वायरस से लड़ती रही. वो 79 वर्ष की थीं. पिछले सप्ताह एक निजी अस्पताल में भर्ती होने के दौरान वह गंभीर हालत में थी. उनका देहांत मंगलवार की सुबह अस्पताल में हुआ. आशालता के नाम से मशहूर गोवा में पैदा हुई अभिनेत्री को कोविड-19 का संक्रमण एक टेलीसेरियल की शूटिंग के दौरान हुआ था.