November 24, 2024
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लॉकडाउन में लोगों के धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए शासन ने नहीं दिया ध्यान ना ही मिली कोई मदद पोरसा,लॉक डाउन के चलते सभी दुकानदारों के धंधे चौपट हुए शासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली गरीब और गरीब हुआ मध्यम दुकानदार अपनी जीविका के लिए परेशान हैं दुकानदारों का कहना है कि शासन की घोषणा केवल कागजो में होती है धरातल पर कुछ भी नहीं है आज भी आज भी कई तरह की धंधे बंद पड़े हुए हैं बैंड बाजे वाले, हलवाई, धर्मशाला, आज भी पूरी तरह बंद है लॉक डाउन के चलते बेरोजगार हुए लोग अपनी रोजी रोटी के लिए हो रहे हैं परेशान शासन नहीं दे रहे ध्यान

अरविंद श्रीवास बस ऑपरेटर का कहना है कि 3 महीने हमारी बसें पूरी तरह बंद रही इधर सरकार ने टैक्स नहीं छोड़ा हम पूरी करें कंगाल हो चुके हैं शासन को चाहिए टैक्स माफ किया जाए एवं ड्राइवर कनेक्टर ओं के लिए जीविका के वास्ते कुछ करना चाहिए गोविंद वर्मा थोक सब्जी विक्रेता का कहना है कि धंधा पूरी तरह मंदा हो गया है जिसके चलते घर-खरचा नहीं निकल पा रहा है शासन को मदद करनी चाहिए

मोहम्मद इम्तियाज खान टेलर टेलरिंग की दुकान का कहना है कि इस वर्ष साहारग नहीं चला लोकडाउन से सहालग पूरी तरह खत्म हो गया जिससे धंधा पूरी तरह चौपट हो गया लॉकडाउन के चलते हमें कर्ज लेकर गुजारा करना पड़ रहा है
महावीर जैन,, टीवी मरम्मत के दुकानदार का कहना है कि लॉकडाउन से धंधा पूरी तरह चौपट हो गया है जिससे जीविका चलाने में संकट खड़ा हो रहा है कर्ज ले ले के घर खर्चा चला रहे हैं

गौरव गुप्ता, प्रोविजन के दुकानदार का कहना है कि लोकडाउन जब से लगा है तब से दुकानदारी पूरी तरह प्रभावित हुआ है अब दुकानदारी ना के बराबर हो रही है जिससे हमें परेशानी पड रही है शासन की तरफ से हमें कोई मदद नहीं मिली है केशव सिंह भदोरिया चाय एवं मिष्ठान विक्रेता का कहना है कि लोकडाउन से पहले धंधा ठीक-ठाक चलता था जबसे लॉकडाउन हुआ है तबसे धंधा 70 परसेंट कम हुआ है जिससे जीविका चलाना मुश्किल हो गया है कर्ज ले कर जीविका चला रहे हैं


संजीव रजक खेरीज सब्जी विक्रेता का कहना है कि लोकडाउन से पहले हम दुकानदारी कर के अपने घर का गुजारा गुजारा कर लेते थे जब भी लोकडाउन लगा है तब से धंधा पूरी फेल हो चुका है अब दुकानदारी थोड़ी बहुत होती है जिससे घर का गुजारा नहीं होता है विनोद कुमार वर्मा,, सोना चांदी के मरम्मत करने वाले का कहना है कि लोकडाउन से पहले हम मरम्मत करके अपने परिवार की जीविका का चला लेते थे जब से लॉकडाउन लगा है तब से दुकानदारी पूरी तरह ठप हो चुकी है घर पर भोजन के लाले पड़े हुए हैं कर्ज ले ले कर जीविका चला रहे है|

रिपोर्टर रवि कुमार ढाका / नीरज कुमार