जयपुर:-श्री दक्षिणमुखी बालाजी मंदिर हाथोज धाम में आषाढ़ कृष्णा बुधी प्रतिपदा तिथि के शुभ अवसर पर भगवान श्री सीताराम जी का सुगंधित केवड़ा जल से अभिषेक किया गया एवं श्री दक्षिणमुखी बालाजी महाराज को पंचामृत सुगंधित जल से अभिषेक कर सिंदूर का चोला चढ़ा कर पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ एवं यज्ञ द्वारा आहुतियां दी गई।
इस अवसर पर मंदिर परिसर में विराजमान सभी देवताओं को श्वेत नवीन पोशाक धारण करा कर शीतल पेय शरबत, चंदन एवं तरबूज खरबूजे का भोग लगाया गया।
हाथोज धाम के स्वामी श्री बालमुकुंद आचार्य जी महाराज ने बताया कि मूर्ति को भगवान का साक्षात् स्वरूप माना जाता है। मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद भगवान की उसी प्रकार से सेवा पूजा होती है जिस प्रकार से जीवित व्यक्ति अपने जीवन में मौसम ऋतु के अनुरूप खान- पान, रहन- सहन करता है।
उसी प्रकार गर्मी के प्रारंभ होने पर ऋतु के अनुसार भगवान को भोग, सिंगार, पोशाक आदि का परिवर्तन हो जाता है। ग्रीष्म ऋतु आने पर खस के घास से निर्मित कूलर लगाने का पंखा झुलाने का और शीतल जल के फव्वारा आदि लगाकर भगवान की सेवा शुरू की जाती है। एवं मोगरे के पुष्पों का ऋतु पुष्पों का श्रंगार भगवान के किया जाता है।
तहलका.न्यूज़