प्रधानमंत्री के आह्वान पर लोक डाउन के चलते 31 मार्च की रात्रि को यूपी जा रहे श्रमिकों को रोक कर बिजयनगर नारायण स्कूल शेल्टर होम में ठहराया गया।ये सभी लोग बसो से अपने घरों को जा रहे थे मगर लॉक डाऊन के चलते जिले की सीमा सील कर दी गई थी इसी कारण प्रशासन ने बसों को यही रोक लिया था। श्रमिकों में 2 गर्भवती महिलाये व बच्चे भी शामिल थे।सभी को राजस्थान रोडवेज की 2 बसो में बैठा कर राज्य की सीमा तक भेजा गया।बसो में 2 पटवारीयो को भी साथ भेजा गया जिससे किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी ना हो।
प्रशाशन ने लगभग 1 माह तक सभी लोगो की भोजन, चिकित्सा व स्वास्थ व्यवस्थाओ का पूरा ध्यान रखा साथ ही गर्भवती महिलाओ के स्वास्थ पर नजर बनाये रखी।जिसका सभी लोगो ने अपने घर जाते समय सभी का शुक्रिया भी अदा किया।थानाधिकारी रावत ने शेल्टर होम पहुचकर सभी लोगो को खाद्य सामग्री के किट प्रदान किये।किट वितरण के समय एक नन्ही बच्ची का न॰आया तो थानाधिकारी ने नीचे बैठकर प्यार से किट भेट किया जिससे सभी लोग भाऊक हो गये। लोगो को अपने गन्तव्य तक पहुचाने में तहसीलदार डा॰स्वाति आशीष झा व थानाधिकारी विजय सिंह रावत की भुमिका अहम रही।अपने घरो की चौखट तक जाने के वक्त हर व्यक्ति बहुत ज्यादा खुश था।साथ लोगो ने हर उस व्यक्ति का दिल से शुक्रिया अदा किया जिसने लगभग एक महिने तक परिवार की तरह ध्यान रखा।
विनोद विश्वकर्मा तहलका डॉट न्यूज़