November 24, 2024
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बीकानेर– अंतराष्टीय मातृभाषा दिवस पर राजस्थानी मोट्यार परिषद् तथा अन्य सैंकडों राजस्थानी भाषा समर्थक संस्थाओं के तत्वाधान में आज बोकानेर कचहरी परिसर में एक विशाल धरने का आयोजन किया गया। इस धरने में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के छात्रसंघ उपाध्यक्ष कन्हैयालाल उपाध्याय, महारानी सुदर्शना महाविद्यालय सीमा स्वामी , डूंगर महाविद्यालय, नेहरू शारदा पीठ महाविद्यालय, प्रदेश संयोजक राजस्थान भारतीय प्रजापति समाज, नर्सिंग एसोशिय्सन देहात अध्यक्ष, मायड भाषा मान्यता संघर्ष समिति, सरस्वती काव्य कला, भाजपा किसान मोर्चा, मुक्ति संस्था, राजस्थानी युवा लेखक संघ, राजस्थान साहित्य चेतना मंच, सेवा दल प्रदेश संगठन सोनी समाज, S.F.I. जिला कमिटी, कड़ी ग्रामोथान सचिव, व्यापार मंडल, राष्टीय कवी चोपाल, अखिल भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा, कुमावत समाज इत्यादी सैंकडों संस्थाओं ने अध्यक्षों सहित पूरी कमेटी के सहयोगियों ने पूर्ण समर्थन धरने पर पधार कर दिया।इस धरने को सम्बोधित करते हुए शिवबाड़ी लालमदेसर मठ के संवित सोमगिरी जी महाराज ने कहा की मायड़ भाषा के लिए सभी राजनेतिक संगठनो को एकजुट होकर आवाज उठानी होगी,भाषा के बिना समाज विकास संभव नही है। राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री बी.डी.कल्ला जी ने कहा कि राजस्थान सरकार से राजस्थानी भाषा का प्रस्ताव 2003 में ही केन्द्र सरकार को भेज चुके है, अब राजभाषा के लिए राजस्थान सरकार जरुर विचार करेगी तथा केन्द्र सरकार में लंबित प्रस्ताव के लिए हम सब पार्टियों को मिलकर दिल्ली चलाना पड़े तो पीछे नही हटेगें। पूर्व सिंचाई मंत्री ने अपने उद्बोधन से लोगो में जोश भरते हुय कहा कि मायड भाषा के लिए हमें भीख नहीं बल्कि सब पार्टियों को एक होकर राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार पर दबाव से हक लेना होगा क्योंकि मायड भाषा हमारा हक है। इससे पूर्व भाटी जी सैंकडों सदस्यों के जनबल के साथ पहुचे।


राजस्थान सरकार के नोखा विधायक बिहारीलाल जी ने कहा कि मायड़ भाषा के लिए हमें चाहे विधानसभा या केंद्र सरकार कहीं भी बात उठानी पड़े हम हक से उठायेगे और राजभाषा राजभाषा के लिए मुख्यमंत्री जी से प्राथमिकता से बता करेंगे।
राजस्थान सरकार के डूंगरगढ विधायक गिरिधारी जी महिया ने कहा कि मान्यता के लिए हम विधानसभा में पुरे तन मन से लगे हुय है जमींन पर साहित्यकार, मोट्यार तथा सभी संस्थाओ के लोगों को जुडना होगा । सूरतगढ से पधारे जनसेवक डूंगरराम जी गेदर ने कहा कि मायड भाषा के लिए हम आधी रात को भी तैयार है और सड़क से विधान सभा, संसद तक चलने के लिए तैयार है।मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने कहा कि भाषा सबकी है इसके लिए किसी भी पार्ट को श्रेय के महत्व को छोड़कर पुरे राजस्थान के लिए एक होना होगा तभी अपनी राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलेगी। जनार्दन जी कल्ला ने कहा कि राजस्थानी भाषा के लिए हम संघर्षरत है पर हमें एकजुट होकर संघर्ष करना पड़ेगा तभी अपना आंदोलन सफल होगा।
राजस्थान सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी जी ने अपने प्रवक्ता के माध्यम से बताया कि राजस्थानी भाषा के लिए जो धरना बीकानेर मुख्यालय पर रखा गया है उस धरने कि मुख्य मांग राजस्थान की दूजी राजभाषा तथा केंद्र की आठवीं अनुसूची में जोडने की मांग को पूर्ण रूप से समर्थक है तथा इसके लिए हम पूर्ण रूप से राजस्थानवासियो के साथ है।सूरतगढ से पधारे साहित्यकार मनोज जी स्वामी ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता, राजभाषा बनाने वाले सरकार के जनप्रतिनिधि सभी अपने साथ है ।हरिमोहन जी सारस्वत ने कहा कि राजस्थानी इतनी विशाल होते हुय भी आज तक मान्यता को तरस रही है यह राजस्थान के लिए खेद कि बात है।डॉ प्रशान्त बिस्सा ने बताया कि राजस्थान के सभी छात्रों को भाषा हेतु आगे आना होगा तबी हमें सफलता मिलेगी। MGSU के छात्र उपाध्यक्ष कन्हैयालाल ने जनबल के साथ पहुंचकर कहा कि मायड भाषा हमारा हक है।इसके साथ ही महारानी कोलेज सयुक्त सचिव सीमा स्वामी छात्रा प्रतिनिधियो के साथ पहुच कर बताया कि भाषा से रोजगार बढेगा। कर्मचारी नेता भंवर पुरोहित ने कहा कि राजस्थानी भाषा को रोजगार से जोड़ना ही बेरोजगारों के साथ न्याय होगा। मदनराम दासोडी ने कविता पढ़ कर लोगों में जोश का संचार किया । इससे आगे धरने को सम्बोदित करते हुय सत्यप्रकाश जी आचार्य ने कहा भाषा के लिए लोग मर मिट गए तो ये अपना आंदोलन तो अहिशातामक है सरकार को इस पर गोर करना होगा । सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थानी भाषा का आन्दोअलं सबसे लम्भा चलने वाला आंदोलन है और यह राजस्थान कि भाषा, संस्कृति, रोजगार से जुदा हुआ मुद्दा है। रामगोपाल बिशनोई ने कहा कि भाषा के लिए हमें विधानसभा तथा संसद का घेराव करना पड़ेगा।कवयित्री मनीषा आर्य ने कहा कि साहित्यकारों ने भाषा के लिए बहुत कुछ किया है अब युवा आगे आये है तो मान्यता जरुर मिलेगी।
मोनिका गोड ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता से सब युवाओ को रोजगार मिलेगायुवा रामदयाल मुंड ने कहा कि भाषा के द्वारा ही हम अपनी अभिव्यक्ति दर्शाते है। हरीश बी. शर्मा ने कहा कि राजस्थानी के लिए हमको निरंतर संघर्ष कारण पड़ेगा। जुगल किशोर पुरोहित ने बताया कि मायड भाषा के लिए हमसे जो बन पड़ेगा उसके लिए हम सब तैयार है। इनके अलावा विजय कोचर, राजूराम बिजारनिया, जानकीनारायण जी माली, राजेंद्र जोशी, कमाल रंगा, परमान्द ओझा, पृथ्वीराज रतनू, प्रमोद कुमार शर्मा, शारदा जी, राजेंद्र स्वर्णकार, राजाराम स्वर्णकार ,विपुल व्यास, राजू पारीक, राजकुमारी मारू पार्षद, अनूप गहलोत, डॉ अजय जोशी, अरविंद, मोएनुद्दीन कोहरी, प्रदीप उपाध्याय, सत्यदीप जी, लीलाधर सोनी ,कैलाश टाक, रामेश्वर बाडमेर, तुलसीराम मोदी आदि ने संबोधन करते हुय कहा कि हम सब मायड भाषा के लिए एक है और अब सरकार को जल्दी ही चेतना होगा।
उत्तर पश्चिम रेलवे कर्मचारी संगठन नेता शशिकांत पंकज सेवक, सुनील बांठिया, रामादायक पंचारिया, कृष्ण पुरोहित, मूलचंद पनेचा, अरविन्द उभा, योगेष व्यास, भंवर साहू, पुखराज स्वामी, महेंद्र बिठु, प्रदीप कुमार ,T.C. सोनी सहीराम दुसदा, मनोहर सिहाग, किशन जोशी, भंवर जागीद, डूंगरसिंह तेहदेसर, लक्ष्मी सोडा आदि ने धरने को संबोदित करते हुय भाषा के महत्त्व को सबके सामने बताया।
बीकानेर नगर निगम के काफी सरे पार्षद अपने अपने दल के साथ पहुंचकर भाषा के लिए कदम से कदम मिलाया हेतु तत्पर रहे
सूरतगढ़ से पहुची टीम में ओम सबथिया, किशन लाल, भवंर स्वामी, मदनलाल, जगदीश स्वामी, रवीना स्वामी, पुरुषोतम आदि भी शाम्मिल हुए। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के छात्रों में मोहित जाजडा, कृष्ण रामावत, अरुण कल्ला ,अनिल जाजडा टीम के साथ पहुचे
इस सब आयोजन के लिए मोट्यार परिषद् के सभी साथी पूर्ण रूप से सक्रीय रहे जिनमे स्वागत करता के रूप में डॉ हरिराम बिश्नोई, किशनलाल रहे तथा मंच संचालन में डॉ नमामि शंकर, डॉ गोरीशंकर निमिवाल, रामावतार उपाध्याय ने किया। व्यवस्था में परिषद् उपाध्यक्ष मुकेष रामावत, राजेश चौधरी, प्रशान्त जैन, कैलाश जनागल, राजुनाथ ,भगवाना राम ,विशाल काटिया ,सुग्रीव सांखला ,अजय कँवर, विजय कँवर ,उषा प्रजापत, सुमन शेखावत, शारदा, सिया, कविता ,अनु ,भावना, प्रीती, एश्वर्या, सतपाल, प्रदीप, स्वामी भागीरथ कुमावत, नारायण प्रजापत इत्यादी ने संभाला।सभा में विष्णु सिहाग, अर्जुन पुनिया, प्रकाश, एडवोकेट सुनील, अशोक बेबरवाल, श्रवण प्रजापत, मनोज गहलोत, दीनाराम रतनू, कुसुमलता स्वामी इत्यादी के साथ हजारों कि संख्या में मायाद भाषा के समर्थक मोजूद रहे धरने में अंकुर विद्यालय के छात्र सोनू प्रजापत, कृति हर्ष, मोहित इत्यादी भी पहुचे
सफलता पूर्ण धरने के लिए डॉ गोरीशंकर प्रजापत ने आभार प्रकट किया !

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