September 20, 2024

भारत का ह्रदय राज्य मध्य प्रदेश न सिर्फ अपनी ऐतिहासिक धरोहरों, प्राकृतिक सौदर्यता और व्यापारिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, बल्कि इस राज्य को भारत का ‘फूड कैपिटल’ भी कहा जाता है.

इंदौर के सराफा बाजार की चौपाटी को कौन नहीं जानता. हर कोई इसके आकर्षण कर दीवाना है. लेकिन इसी गली के एक कौने में रबड़ी-जलेबी की एक ऐसी दुकान है जो न सिर्फ अपने अलग जायके के लिए मशहूर है बल्कि पूर्वाचल की शान है. स्वाद ऐसा कि जिसने खाया फिर उसे भुला नहीं सका. बात चाहे बॉलीवुड की हो या फिर राजनीतिक गलियारों की हर कोई यहां की रबड़ी-जलेबी के मुरीद हैं.

जय भोले जलेबी भण्डार

जलेबी है या जलेबा, यहां आकर अपने आप मुंह से यही निकलता है. इनका साइज़ ही है इतना बड़ा. सिर्फ एक जलेबी काफी है अंदर तक घुली चाशनी और देसी घी की खुशबू देर तक मुंह का स्वाद बरकरार रखने के लिए. चाहे सिंपल खाएं या रबड़ी के साथ, यह स्वाद आपको लंबे अर्से तक याद रह जाएगा.खुशबू और स्वाद की खास वजह है शुद्ध देसी घी और देसी खांडसारी चीनी….

इनकी जलेबी रबड़ी की दीवानगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की रबड़ी-जलेबी के दीवाने इसका स्वाद चखने के लिए मध्यप्रदेश (इंदौर) ही नहीं बल्कि दूर दूर से यहाँ आते हैं. दूर-दूर तक इनकी जलेबी के चर्चे हैं.इस दुकान की जलेबी की खासियत है कि यहां भारतीय पर्यटकों के साथ साथ विदेशियों की भीड़ रहती है. विदेशी पर्यटक यहां रबड़ी-जलेबी का स्वाद चखने के लिए घंटो इन्तजार भी करते हैं. यही नहीं “जय भोले जलेबी भण्डार” के स्वाद का जायका चखने के साथ ही विदेशी मेहमान इस स्वाद को यादगार बनाने के लिए यहाँ अपनी तस्वीर भी लेते नज़र आते हैं.

आपका अपना देशी स्वाद का वो स्थान जहां आपको ताजगी और सेहत का नया अहसास होता है.1988 से इंदौर वासियो के स्वाद में निरन्तर शुद्धता व ताजगी के साथ मिठास घोलने का कार्य सोहन लाल जी व्यास ने किया और आज भी उनकी बदलती पीढ़ी उनके पुत्र दिनेश व्यास ने इसे बखूभी संभाल रखा है.परम्परगत तरीके और देशी स्वाद का धयान रखते हुए शुद्ध रबड़ी,केसर ईलायची,पिस्ता ,बादाम आदि पौस्टिक तत्वों के मिश्रण से तैयार रबड़ी-जलेबी जो अपने आप में शुद्ध व स्वास्थय वर्धक है.

आपकी इंदौर यात्रा तब तक अधूरी है. जब तक आप ”जय भोले” के यहाँ की जलेबी का आनंद नही ले लेते.