November 24, 2024
तहलका.न्यूज़

राजशाही का समय भारत में सदियों से चला आ रहा है. ये अग्रेजों के समय से भी पहले से कायम है. भारत एक ऐसा देश है जहाँ अग्रेजों के आने के पहले राजा-महाराजा का दबदबा कायम था, वो ही भारत पर राज करते थे. अगर पुराणों की माने तो भारत पर कई राजाओं ने राज किया, लेकिन भगवान राम ही इतिहास के सबसे अच्छे राजा माने गये.

वहीँ शायद आज ये बात कोई नहीं जनता होगा कि उसी महान राजा श्री राम के बाद उनका वंश कहाँ तक कितना आगे पहुँचा था. इस बात का उल्लेख भी कही नहीं मिलता है.आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार रूप से बेहद चौका देने वाली जानकारी देंगे.

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. 9 अगस्त को कोर्ट ने रामलला के वकील से पूछा था- क्या भगवान राम का कोई वंशज अयोध्या या दुनिया में है? इस पर वकील ने कहा था- हमें जानकारी नहीं. मगर जयपुर के राजपरिवार का कहना है कि हम भगवान राम के बड़े बेटे कुश के नाम पर ख्यात कच्छवाहा/कुशवाहा वंश के वंशज हैं. यह बात इतिहास के पन्नों में दर्ज है.

पूर्व राजकुमारी दीयाकुमारी ने इसके कई सबूत भी दिए हैं. उन्होंने एक पत्रावली दिखाई है, जिसमें भगवान श्रीराम के वंश के सभी पूर्वजों का नाम क्रमवार दर्ज हैं. इसी में 289वें वंशज के रूप में सवाई जयसिंह और 307वें वंशज के रूप में महाराजा भवानी सिंह का नाम लिखा है. इसके अलावा पोथीखाने के नक्शे भी हैं.

ये 3 सबूत

  1. जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह भगवान राम के बड़े बेटे कुश के 289वें वंशज थे.
  2. 9 दस्तावेज, 2 नक्शे साबित करते हैं कि अयाेध्या के जयसिंहपुरा व राम जन्मस्थान सवाई जयसिंह द्वितीय के अधीन ही थे.
  3. 1776 के एक हुक्म में लिखा था कि जयसिंहपुरा की भूमि कच्छवाहा के अधिकार में हैं.

कौन थे महाराजा भवानी सिंह?

भारत की आजादी के बाद राजा-महाराजाओं की हुकूमत खत्म होने से पहले सवाई मान सिंह द्वितीय जयपुर राजघराने के आखिरी माहाराजा थे. उन्होंने तीन शादियां की थीं. पहली शादी 
मरुधर कंवर से, दूसरी शादी मरुधर कंवर की भतीजी किशोर कंवर से और तीसरी शादी गायत्री देवी से की थी. 
सवाई मान सिंह द्वितीय और उनकी पहली पत्नी मरुधर कंवर देवी साहिबा के बेटे भवानी सिंह को राजगद्दी सौंपी गई. उनकी शादी रानी पद्मिनी देवी से हुई. महाराजा भवानी सिंह और रानी पद्मिनी देवी की सिर्फ एक बेटी दीयाकुमारी हैं.

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