कुछ निजी स्कूलों में चल रहा है अटैचमेंट का गोरखधंधा,चांदी कमाने में लगे निजी स्कूल संचालक,शिक्षा विभाग बना हुआ है अनजान! मामला सामने आने पर जांच के लिए पहुंची टीम..
दौसा में इन दिनों चल रही समान प्रशन पत्र योजना के अंतर्गत संचालित हो रहे वार्षिक परीक्षा के दौरान यहां मुख्यालय से चंद किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों में अटैचमेंट प्रणाली के गोरखधंधे का खुलासा हुआ है. इसके चलते अनजान शिक्षा विभाग की मुस्तैदी पर सवालिया निशान लगता है. वही स्कूली बच्चों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ से भी इनकार नहीं किया जा सकता अटैचमेंट के अंतर्गत कई स्कूल संचालक मान्यता के अतिरिक्त कक्षा में बच्चों को प्रवेश परीक्षा अन्य दिलवाते हैं. जबकि प्रणाली पर विभाग ने पूरी तरह प्रतिबंध लगा रखा है.इसके बावजूद व्यवस्थाओं को मूर्त रूप प्रदान करने का काम कर रहे हैं.
इस मामले की तह तक जाने के लिए न्यूज के प्रतिनिधि ने मुख्यालय में मुख्यालय से कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थित काली पहाड़ी भेडोली धर्मपुरा सहित कई गांवों में जाकर इन दिनों चल रही समान प्रश्न पत्र परीक्षा की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की तो वहां उक्त मामला खुल कर सामने आया है. इसके बाद इस हकीकत से शिक्षा विभाग सहित उपखंड अधिकारी को अवगत कराया गया तो पूरा महकमा सकते में आ गया और किलोमीटर दूरी पर स्थित काली पहाड़ी भेडोली धर्मपुरा सहित कई गांव में जाकर इन दिनों चल रही समान प्रश्न पत्र परीक्षा की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की तो वहां उक्त मामला खुल कर सामने आया है.
इसके बाद इस हकीकत से शिक्षा विभाग सहित उपखंड अधिकारी को अवगत कराया गया तो पूरा महकमा सकते में आ गया और सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह रही कि भाकरी स्थित महाराणा प्रताप सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बीईओ राम अवतार गुप्ता जांच करने पहुंचे तो वहां कक्षा 9 के कुल प्रश्न पत्र से आए थे जब की परीक्षा देते छात्र 24 छात्र मिले ऐसे में कई सवाल खड़े होते हैं दिखाई पड़े बताया जा रहा है कि जब गुप्ता ने बच्चों का हाजिरी रजिस्टर मांगा तो स्कूल प्रशासन ने ऐसा कोई भी दस्तावेज उपलब्ध करवाने से मना कर दिया. इसके बाद बात खुलकर सामने आ गई इस मामले में अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग एवं जिला प्रशासन स्तर पर कब और क्या कार्यवाही होती है इस मामले में जानकारियां भी मिली है निजी स्कूलों में मोटी कमाई के चक्कर में दो से अधिक स्कूलों से भी अटैचमेंट कर रखा है. इसमें एक निजी स्कूल ने तो 88 अन्य स्कूलों से अटैचमेंट कर रखा है ऐसी जानकारी मिली है मामला गंभीर है इसलिए जांच भी जरूरी है इसके बाद जाकर ही पूरी हकीकत सामने आएगी और ऐसे मामले पर प्रतिबंध लग पाएगा