देश की आने वाली पीढ़ियां आजाद हवा में सांस ले सकें, इसके लिए आजादी के जाने कितने परवानों ने हंसते-हंसते अपनी जान कुर्बान कर दी.आठ अप्रैल का दिन इन्हीं को समर्पित है. 1857 में देश में पहली बार आजादी की मशाल रौशन करने वाले मंगल पांडे को आज के ही दिन फांसी पर लटका दिया गया था.
भारत में धधकती आजादी की आंच पूरी दुनिया तक पहुंचे, इसलिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने आज ही के दिन दिल्ली में सेंट्रल एसेंबली हॉल में बम फेंका था.
क्रांतिकारी मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई, 1827 को उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद ज़िले में हुआ था.इनके पिता का नाम दिवाकर पांडे तथा माता का नाम श्रीमति अभय रानी था.वे कोलकाता के पास बैरकपुर की सैनिक छावनी में “34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री” की पैदल सेना के 1446 नम्बर के सिपाही थे. भारत की आज़ादी की पहली लड़ाई अर्थात 1857 के संग्राम की शुरुआत उन्हीं के विद्रोह से हुई थी.
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