April 20, 2024

आगरा में खान-पान की बात हो और पान का जिक्र नहीं करे तो बात कुछ अधूरी-अधूरी सी लगती है. पान का इतिहास 5000 सालों से भी ज्यादा पुराना है. अगर आपने कभी गौर किया हो तो पान का ज़िक्र श्रीमद भागवत गीता में भी हुआ है जिसमे श्री कृष्णा पान चबाया करते थे.पान साँसों को ताज़ा करने के लिए और मेहमानों को सम्मान के तौर पर खिलाया जाता है.पान का भारत से सांस्कृतिक रूप से भी काफी जुड़ाव है.पान धूप, दीप के साथ आराध्य देव को भी चढ़ाया जाता है.

तो आइये आज हम आप को बताते है जो आगरा की शान और पहचान दोनों है जी हां…हम बात कर रहे हैं आगरा की मशहूर पान की दूकान “बांके पान भण्डार”की यह पान पैलेस आगरा का काफी मशहूर पान पैलेस है और इसकी वजह है यहाँ के पान का बेहतरीन स्वाद।

यहां का पान स्थानीय लोग अपने नातेदारों को विदेशों तक भी भेजते हैं, जो अपने आप में आगरा की बड़ी साख हैै.

“बांके पान भण्डार” के पान की साख करीब 50 सालों से कायम है.यहाँ के पान की ये खासियत है की ये अपने पान में ख़ास बनारसी पान की पत्ती का इस्तेमाल करते है जो बहुत स्वादिष्ट और सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं. इन पत्तियों में गुलकंद सुपारी, सौफ और खजूर सुपारी को पत्ते में भर के इसका मीठा पान बनाते है.

इनके यहाँ का पान को खाने के लिए लोग बेचैन रहते है. करीब 50 साल पहले बांके बिहारी जी ने आगरा में पान की दूकान की शुरुवात की थी और आज वही आगरा की मशहूर पान की दूकानो में से एक है.

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