April 17, 2024

जयपुर-स्वामी श्री बालमुकुंद आचार्य जी महाराज हाथोज धाम ने बताया कि इस वर्ष नौतपा 25 मई से 2 जून तक रहेगा और इस बार ग्रहों की विकट स्थिति के कारण प्राकृतिक आपदाओं का दौर बना रहेगा जैसे महामारी, भीषण गर्मी, आंधी तूफान के साथ हवा, आगजनी, हवाई दुर्घटनाएं, राजनीतिक उथल-पुथल की स्थितियां बनी रहेगी।


स्वामी श्री बालमुकुंद आचार्य जी महाराज ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा है, और देवता ब्रह्मा है। सूर्य ताप तेज का प्रतीक है, जबकि चंद्र शीतलता का चंद्र से धरती को शीतलता प्राप्त होती है। सूर्य जब चंद्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है, तो उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव में ले लेता है। जिस वजह से पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं होती है, ताप अधिक बढ़ जाता है। वैसे तो सूर्य 15 दिन तक रोहिणी नक्षत्र में भ्रमण करता है। लेकिन शास्त्रीय मान्यता अनुसार प्रारंभ के 9 दिन ही नौतपा का महत्व स्वीकार किया जाता है।
वर्ष में एक बार रोहिणी नक्षत्र के दृष्टि सूर्य पर पड़ती है यह नक्षत्र 15 दिन रहता है। लेकिन शुरू के पहले सूर्य जिन 9 नक्षत्रों पर रहता है। वह दिन नौतपा कहलाते हैं। इसी कारण इन दिनों में गर्मी अधिक रहती है। मई माह के अंतिम सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम हो जाती है इससे धूप और तीखी हो जाती है।
“ज्येष्ठ मासे शीत पक्षे आद्रादि दशतारका”
“सजला निर्जला ज्ञेया निर्जला सजलास्तथा”अर्थात जेष्ठ शुक्ल पक्ष में आद्रा नक्षत्र से लेकर 10 नक्षत्रों तक यदि बारिश हो तो वर्षा ऋतु में इन दसों नक्षत्रों में वर्षा नहीं होती, यदि इन नक्षत्रों में तीव्र गर्मी पड़े तो अच्छी वर्षा होती है।

तहलका. न्यूज़- डॉ अमर सिंह धाकड़