March 29, 2024

अजीतगढ़ कस्बे की श्री कृष्ण गौशाला में पूर्व की भांति आज भी निरंतर गायों के मरने का सिलसिला जारी है। अजीतगढ़ गौशाला में 4-5 दिनों में 10-12 गायों के मरने की खबर सामने आने के बाद गत बुधवार को चार गायें के मरने की सूचना के साथ गायों के मरने का आंकड़ा लगभग 13 से 17 तक गया है जो कि स्थानीय लोगों का गौशाला कमेटी के लिए दुखद एवं सोचनीय विषय है।
अजीतगढ़ गौशाला अध्यक्ष मक्खन लाल स्वामी के नेतृत्व में गौशाला में गायों की देखरेख के बावजूद गायों की मौत होना एक दुर्भाग्य की बात है। गौशाला अध्यक्ष में गायों के मरने का कारण अधिक मात्रा में हरा चारा खाने से हुए फूड पॉइजनिंग को बताया है तथा गौशाला की 13 गायों के मरने की पुष्टि भी की है।
बुधवार को चार गायों की मौत के कारणों का पता लगाने हेतु सीकर से पशुपालन विभाग की एक टीम आज सुबह स्थानीय पशु पालन विभाग के डॉक्टर निर्मल के साथ अजीतगढ़ गौशाला पहुंची जिन्होंने उन सभी चार गायों का निरीक्षण किया जो गत रात बुधवार को मरी थी। जांच दल ने प्रारंभिक जांच में गायों की मौत अधिक चारा खाने से हुए नाइट्रेट पॉइजिंग को बताया है। गायों के मरने के पीछे के वास्तविक कारण की पुख्ता जानकारी बिसरा सैंपल की जांच के बाद आने वाली रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि गायों की मौत क्यों वह कैसे हुई?इसके लिए सीकर से आई विभागीय जांच टीम ने गत बुधवार को मरी हुई चार गायों की बिसरा सैंपल को अपने साथ ले गई है।
अजीतगढ़ गौशाला में समय-समय पर गायों का मरना गौशाला के पदाधिकारी व अध्यक्ष महोदय को कहीं ना कहीं कटघरे में खड़ा करता है। जबकि गौशाला में गायों के लिए पर्याप्त मात्रा में खेती से हरा चोरा पैदा किया जाता है तथा पानी की समुचित व्यवस्था होने के बावजूद आज मौजूदा गायों की स्थिति यह है कि गायों की हड्डी पसलियां व उनका खाली पिचका हुआ पेट यह दर्शाता है कि उनको पर्याप्त रूप से भोजन व पानी समय पर नहीं दिया जाता है साथ ही गायों की स्थिति से यह भी आभास हो रहा है कि गौशाला में पशु चिकित्सक द्वारा समय-समय पर गायों को चिकित्सा लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। यह भी कहीं ना कहीं गायों की मौत का कारण हो सकता है।
सूत्रों से यह भी पता चला है कि अजीतगढ़ में गौशाला परिसर में स्थित बोरवेल(बोरिंग) से निकलने वाले पानी में फ्लोराईड की मात्रा की अधिकता बताई जा रही है । यदि वास्तविक रूप से गौशला के पानी में फ्लोराईड की मात्रा अत्यधिक है तो यह भी गायों की बीमारी व मौत का कारण बन सकता है। अतः गौशाला के पानी की जांच करवाना भी बहुत जरूरी है।

तहलका.न्यूज़

अजीतगढ़/सीकर { ज्ञानचंद }